वो जो बस स्टॉप था न कोलेज का...
वो जहाँ टेम्पो रुका करते थे..
आजकल हो गया है वो एलीट
अब तौ स्टार बस ही रूकती है..
वो जो बस स्टॉप था न कोलेज का...
वक़्त अब भी वहां ठहरता है..
और वहीँ से चढ़ता है...
उधर से जब भी गुज़रता हूँ तौ ये लगता है...
जेसे के आखरी बस छूट गयी हो मेरी...
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