चूल्हे और आंगन की बातें....
चूल्हे और आंगन की बातें !
याद आई बचपन की बातें !!
तेरा मिलना इस जीवन में !
जेसे दूर गगन की बातें !!
जाने केसे सुन लेता हूँ !
इसके उसके मन की बातें !!
भल भल आंसू भेज रहा है!
जो करता दमन की बातें !!
भूके पेट की प्रहरिक किश्तें !
आँखों से बर्तन की बातें !!
फिरकी,लट्टू,बन्दर भालू !
सबसे अपनेपन की बातें !!
आँखों में मेंहदी रच जाये !
हाथों में जब खनकी बातें !!
जीना मुश्किल हो जायेगा !
मत समझो जीवन की बातें !!
8 टिप्पणियां:
aapki gazal baat sae baat nikal rahi hai....bachapan ki baaten..,man ki baaten...,door gagan ki jiwan ki baaten...bahut khoob sudhir babu.
dhanyawad Lalit ji..!!!
Amit ji..shubhkamnaon ke liye sadhuwad...is dankiye ke chittha jagat
mein pravesh..ke liye bhi!!!
Dhanyawad shefali..!!!
सुंदर कविता है आपकी
shukruya shashank..!!!
man bhavan.narayan narayan
Dhanywad MuniShri...
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