रविवार, 22 अगस्त 2010

याद आयीं बचपन की बातें..........

चूल्हे और आँगन की बातें
याद आयीं बचपन की बातें

तेरा मिलना इस जीवन में,
जेसे दूर गगन की बातें


भल-भल आंसू भेज रहा है,
जो करता दामन की बातें

भूके पेट की प्रहारिक किश्तें,
आँखों से बर्तन की बातें

फिरकी, लट्टू, बन्दर भालू,
सबसे अपनेपन की बातें

आँखों में मेंहदी रच जाये,
हाथों में जब खनकी बातें

जीना मुश्किल हो जायेगा,
मत समझो जीवन की बातें

2 टिप्‍पणियां:

36solutions ने कहा…

सुन्‍दर प्रयास.

धन्‍यवाद.

Dankiya ने कहा…

dhanywad sanjeev ji..!!