डाकिया
चिट्ठियां ज़िन्दगी के पते पर......
शनिवार, 21 मार्च 2009
साहिल पर मछुआरे भूके........
साहिल पे मछुआरे भूखे
नदी पड़ी है नाव में...
पानी प्यास बढाता जाए
धुप लगे है छाव में....
गुठले पड़ गए पाँव में
आए जब से तेरे गाँव में....
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